मिराज़-ए-ग़ज़ल | مراج - ئی - گجل
(आशा भोसले और गुलाम आली | آشا بھوسلےاور گلام آل)
दर्द जब तेरी आता है तो | درد جب تیری آتا ہے تو
दायरे-ए-दिलकी रात में चराघ | دایرے- ئی - دلکی رات میں چراگھ
दिल धड़कने का सबब याद आया | دل دھڑکنےکا سبب یاد آیا
गये दिनों का सुराग लेकर | گیہ دنوںکا سراگ مسئلہ
हैरातों के सिलसिले सोज़-ए | ہےراتوں کےسلسلےسوج - ئی
करूँ ना याद मगर किस तरह | کروںنا یاد مگر کس طرح
नैनों तोसे लगे | نینوں توسے لگی
फिर सावन रुत की पवन | پھر ساون رت کی پون
रात जो तूने डीप भुजाए मेरे थे | رات جو تونےڈیپ بھجائی میرےتھی
रुदाद-ए-मोहब्बत क्या कहिए | رداد - ئی - موہببت کیا کہئی
सलोना सा सजन है और मैं हूँ | سلونا سا سجن ہے اور میںھون
यूँ सज़ा चाँद के छलका | یوںسزا چاند کےچھلکا
दायरे-ए-दिलकी रात में चराघ | دایرے- ئی - دلکی رات میں چراگھ
दिल धड़कने का सबब याद आया | دل دھڑکنےکا سبب یاد آیا
गये दिनों का सुराग लेकर | گیہ دنوںکا سراگ مسئلہ
हैरातों के सिलसिले सोज़-ए | ہےراتوں کےسلسلےسوج - ئی
करूँ ना याद मगर किस तरह | کروںنا یاد مگر کس طرح
नैनों तोसे लगे | نینوں توسے لگی
फिर सावन रुत की पवन | پھر ساون رت کی پون
रात जो तूने डीप भुजाए मेरे थे | رات جو تونےڈیپ بھجائی میرےتھی
रुदाद-ए-मोहब्बत क्या कहिए | رداد - ئی - موہببت کیا کہئی
सलोना सा सजन है और मैं हूँ | سلونا سا سجن ہے اور میںھون
यूँ सज़ा चाँद के छलका | یوںسزا چاند کےچھلکا