मैं और मेरी तन्हाई

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आवारा है गलियों में मैं और मेरी तन्हाई
जायेण तो कहाँ जायेण हर मोड़ पे रुसवाई
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मेरी तन्हाई

ये फूल से चेहरे हैं हंसते हुए गुलदस्ते
कोई भी नहीं अपना बेगाने हैं सब रास्ते
राहें भी तमाषयी राहें भी तमाशाई
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मेरी तन्हाई

अरमान सुलगते हैं सीने में चिता जैसे
क़ातिल नज़र आती है दुनिया के हवा जैसे
रोटी है मेरे दिल पर बजती हुई शहनाई
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मेरी तन्हाई

हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है
रोकर कभी हँसती है हंसकर कभी गाती है
ये प्यार की बाहेण हैं या मौत की अंगड़ाई
मैं और मेरी तन्हाई मैं और मेरी तन्हाई



1 comments:

Anonymous said...

Abhi It's a wonderful gazal and your choice too. No doubt about the beauty & the clarity of your creation. I loved it &

But plz. re-check last four lines presented above in hindi. Those are replaced by other sung lines...the stanza sung in the audio is different...
"Aakaash ke mathe par, Taaron ka charagam hai.....
Pehaloo me magar mere, Jakhamon ka Guleesta hain
..
Below menioned stanza is missing in the audio
हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है
रोकर कभी हँसती है हंसकर कभी गाती है
ये प्यार की बाहेण हैं या मौत की अंगड़ाई

THIS IS JUST FOR YOUR INFORMATION n nothing else..GOOD NITE

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