मेरी चंद बेहतरीन पसंदी ग़ज़ले और नज़्म - १

|
. ये ना थी हमारी किस्मत
. कोई ये कह दे गुलशन गुलशन
. मेरे हमनफस मेरे हुम्नावास
. हजारों ख्वाहिशें ऐसी
. आह को चाहिए
. बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
. सरकती जाये है रुख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता
. पत्थर के खुदा पत्थर के सनम
. सीना में जलन
१०. रुके रुके से क़दम


0 comments:

Post a Comment